पिछले दिनों इस अजीब से शीर्षक वाली फ़िल्म को इसके कलाकारों के कारण देखा .फ़िल्म ने निराश नहीं किया ,परन्तु ये कहा जा सकता है कि इसे सिर्फ़ महानगरों के दर्शकों के लिए बनाया गया है .फ़िल्म के पोस्टर में लिखा हुआ था कि यह विवाह संस्था पर प्रश्न उठाती ,पर इसे देखकर लगा कि यह पति -पत्नी के बीच के यौन संबंधों के बारे में है .बहरहाल,इसमें सेक्स से सम्बंधित फंतासियों का ज़बरदस्त मजाक बनाया गया है ,जो कि आजकल के युवाओं का मनपसंद शगल बनता जा रहा है और जिसके बारे में इंडिया टुडे और आउटलुक जैसी पत्रिकाएं आए दिन सर्वेक्षण निकालती रहती हैं .परस्पर संबंधों को लेकर लोगों में व्याप्त दुविधा को भी खूबसूरती से दिखाया गया है .कोंकणा सेन ,सोहा अली खान ,इरफान खान ,राहुल बोस जैसे कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और पायल रोहतगी ने यह सिद्ध कर दिया है कि वो सिर्फ़ अंग प्रदर्शन कर सकती हैं .जिन लोगों को ऑफ़ बीट फिल्में पसंद हैं वे इसे अवश्य देखें ,परन्तु गंभीर फिल्मों के शौकीन बिल्कुल न देखें .मुझे इसमें इरफान कि कॉमेडी बहुत अच्छी लगी .उनके ऊपर डिस्को थेक वाला फालतू गाना न फिल्माया जाता तो अच्छा होता .खैर डायरेक्टर कि मर्ज़ी .